
ईरान- इजरायल के बीच 11 दिन से जारी युद्ध अब और ज्यादा गंभीर होता जा रहा है। इजरायल ने बीती रात ईरान के छह एयरबेस को निशाना बनाते हुए भारी बमबारी की है। वहीं, अमेरिका ने इशारा किया है कि वह फिर से बातचीत शुरू करना चाहता है।
ईरान और इजरायल के बीच संघर्ष अब अपने सबसे खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है। इजरायल ने दावा किया है कि उसने ईरान के 6 प्रमुख एयरबेस पर हवाई हमले किए हैं और 15 फाइटर जेट व हेलीकॉप्टर तबाह कर दिए हैं। इजरायली सेना का कहना है कि ये कार्रवाई तेहरान के परमाणु बम कार्यक्रम को रोकने के लिए की गई।
इससे पहले ईरान ने इजरायल पर मिसाइलों की बौछार कर दी थी, जिसमें 80 से अधिक लोग घायल हो गए। जवाबी हमलों में हजारों रेजिडेंशियल इमारतें और सरकारी संस्थान तबाह हुए हैं। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने साफ कहा है – “अब कूटनीति का समय खत्म हो चुका है, ईरान को आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है।”
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले को “अस्तित्व की रक्षा” बताया है। उनका दावा है कि ईरान कुछ ही दिनों में परमाणु बम बनाने वाला था, जिसे रोकना जरूरी था।
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार रात देश को संबोधित किया और कहा कि अमेरिका तनाव घटाने और बातचीत फिर से शुरू करने को तैयार है ताकि एक और लंबा युद्ध रोका जा सके।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अमेरिका के ईरान पर हमलों की निंदा की गई है, जिससे कूटनीतिक हालात और जटिल हो गए हैं।
ईरान-इजरायल संघर्ष में अब अमेरिका की सैन्य और कूटनीतिक भूमिका केंद्र में आ गई है। दुनिया भर की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या बातचीत का रास्ता खुलेगा या युद्ध और विकराल रूप लेगा।